The "Mahamrityunjaya Mantra" is a powerful mantra dedicated to Lord Shiva, and the associated puja is performed to seek protection, healing, and victory over death. This mantra is also known as the Mrita-Sanjivini Mantra, and its recitation is believed to have the ability to conquer death and grant immortality.
The Mahamrityunjaya Mantra is found in the Rigveda and is attributed to Sage Markandeya. The mantra is as follows:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।
This mantra is dedicated to Lord Shiva, the three-eyed god (Tryambakam), and it seeks his blessings for good health, longevity, and liberation from the cycle of birth and death.
maha mrityunjaya jaap cost is around Rs. 40,000 – 50,000 to do the Maha Mrityunjaya pooja.
महा मृत्युंजय मंत्र का पुरश्चरण सवा लाख है और लघु मृत्युंजय मंत्र की 11 लाख है.मेरे विचार से तो कोई भी मन्त्र जपें,पुरश्चरण सवा लाख करें.इस मंत्र का जप रुद्राक्ष की माला पर सोमवार से शुरू किया जाता है.जप सुबह १२ बजे से पहले होना चाहिए,क्योंकि ऐसी मान्यता है की दोपहर १२ बजे के बाद इस मंत्र के जप का फल नहीं प्राप्त होता है.आप अपने घर पर महामृत्युंजय यन्त्र या किसी भी शिवलिंग का पूजन कर जप शुरू करें या फिर सुबह के समय किसी शिवमंदिर में जाकर शिवलिंग का पूजन करें और फिर घर आकर घी का दीपक जलाकर मंत्र का ११ माला जप कम से कम ९० दिन तक रोज करें या एक लाख पूरा होने तक जप करते रहें. अंत में हवन हो सके तो श्रेष्ठ अन्यथा २५ हजार जप और करें.ग्रहबाधा, ग्रहपीड़ा, रोग, जमीन-जायदाद का विवाद, हानि की सम्भावना या धन-हानि हो रही हो, वर-वधू के मेलापक दोष, घर में कलह, सजा का भय या सजा होने पर, कोई धार्मिक अपराध होने पर और अपने समस्त पापों के नाश के लिए महामृत्युंजय या लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप किया या कराया जा सकता है.
Vedacharya Karmkand Visharad Trimabkeshwar Pujari Pandit Anand Shastriji Are Highly Trained And Well-versed In Vedic Scriptures And Rituals. With 30+ Years Of Experience, They Bring A Deep Understanding Of Various Pujas, Yagnas, And Ceremonies like kalsarp Dosh, pitra Dosh, Mangal Dosh Puja, Rudra Abhishek Puja, Maha mrityunjay jaap, Satynarayan Puja, Navgrah Shanti or Navgrah Jaap, Narayan nagbali Puja, Tripindi Sharddha.
वेदाचार्य कर्मकांड विशारद त्र्यंबकेश्वर पुजारी पंडित आनंद शास्त्रीजी वैदिक शास्त्रों और अनुष्ठानों में अत्यधिक प्रशिक्षित और पारंगत हैं। 30+ वर्षों के साथ अनुभव, वे विभिन्न पूजाओं, यज्ञों और समारोह जैसे कालसर्प दोष पूजा, पित्रदोष पूजा, मंगलदोषपूजा, रुद्राभिषेक पूजा, महामृत्युन्जय जाप, सत्यनारायण पूजा, नवग्रह शान्ति एवं नवग्रह जाप, वास्तु शान्ति पूजा, नक्षत्र शान्ति पूजा, नारायण नागबली पूजा, त्रिपिंडी श्राद्ध, आदि सभी प्रकार की पूजा- विधि विधान से करवाई जाती है।